पंचगव्य थेरेपी  (Panchgavya Therapy)

भारत सरकार के योजना आयोग द्वारा अनुशंसित भारत सेवक समाज द्वारा युवाओं के लिए कई तरह के वोकेशनल कोर्स प्रारम्भ किये गए है | उसमें से चार कोर्स पंचगव्य थेरेपी के है | ये सभी डिप्लोमा कोर्स है | पंचगव्य थेरेपी से सिर्फ हम बिमारियों का इलाज ही नहीं करते है बल्कि इस अपनाने से पूरा परिवार स्वस्थ्य रहता है |क्योंकि “Prevention is better than cure” इलाज से बेहतर सुरक्षा है |

इसीलिए पूरे देश में घर घर तक पंचगव्य थेरेपी को पहुँचाना हमारा मूल उद्देश्य है |

इसके लिए एक वर्ष का पाठ्यक्रम है जिसे पूर्ण कर आप “पंचगव्य थेरेपी प्रैक्टिशनर” कहलायेंगे| पंचगव्य थेरेपी प्रैक्टिशनर बनने के पश्चात आप पंचगव्य से दवाइयों का निर्माण या निर्माण नहीं कर सकते है तो विपणन कर सकते है या पंचगव्य थेरेपी की जानकारी मरीजों को देकर बीमारी से छुटकारा दिलाने में उनकी सहायता कर सकते है |   देश के अधिकांश  शहर / नगर / गांव का घर घर इसे अपनाने के लिए तैयार है | बस आपको तैयार होना है उनकी मदद के लिए और पंचगव्य थेरेपी प्रैक्टिशनर बनना है | इस कोर्स को 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी महिला, पुरुष, युवा कर सकते है |

The Indian government, through the Planning Commission of India, has initiated various vocational courses for the youth recommended by the Bharat Sevak Samaj. Among these courses, there are four diploma courses related to Panchgavya Therapy. Panchgavya Therapy is not only used for the treatment of diseases but also helps maintain the overall health of the family. This is because “Prevention is better than cure.”

Our primary goal is to make Panchgavya Therapy accessible to every household across the country. For this purpose, there is a one-year program that, upon completion, grants you the title of “Panchagavya Therapy Practitioner.” After becoming a Panchagavya Therapy Practitioner, you can either manufacture or sell Panchgavya-based medicines or assist patients by providing them with information about Panchgavya Therapy to help them recover from illnesses.

The majority of cities, towns, and villages in the country are prepared to adopt Panchgavya Therapy in every home. All you need to do is be prepared to help them and become a Gavyasiddh. This course is open to anyone aged 18 years and above, including women and men.

पंचगव्य थेरेपी डिप्लोमा कोर्स एक वर्ष का है जिसमे आपको 30 घण्टे ऑनलाइन पढ़ना है | इसमें थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल ज्ञान दिया जाएगा | ताकि आप पंचगव्य बनाने से लेकर विभिन्न बिमारियों के लिए पंचगव्य से दवाइयों के निर्माण और विपणन तथा विभिन्न बिमारियों के मरीजों को इसके बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए सक्षम हो जावेंगे  |-

प्रथम कोर्स है एडवांस डिप्लोमा इन आयुर्वेदा एंड पंचगव्य थेरेपी (ADAPT)– एक वर्ष का पाठ्यक्रम (ऑनलाइन कोर्स 30 घंटे पश्चात ऑनलाइन / ऑफलाइन प्रैक्टिकल अभ्यास क्रम ) प्रवेश हेतु शैक्षणिक योग्यता – बीएएमएस, आयुर्वेदाचार्य , वैद्य या समकक्ष

द्वितीय कोर्स है  एडवांस डिप्लोमा इन इंटीग्रेटेड पंचगव्य थेरेपी (ADIPT) – एक वर्ष का पाठ्यक्रम (ऑनलाइन कोर्स 30 घंटे पश्चात ऑनलाइन / ऑफलाइन प्रैक्टिकल अभ्यास क्रम ) प्रवेश हेतु शैक्षणिक योग्यता – किसी भी स्ट्रीम में हेल्थकेयर पेशेवर या  ग्रेजुएट या 12 वीं पास

तीसरा कोर्स है डिप्लोमा इन पंचगव्य थेरेपी (DPT)– एक वर्ष का पाठ्यक्रम (ऑनलाइन कोर्स 30 घंटे पश्चात ऑनलाइन / ऑफलाइन प्रैक्टिकल अभ्यास क्रम ) प्रवेश हेतु शैक्षणिक योग्यता 10 वीं या अधिक

चौथा कोर्स है  एडवांस डिप्लोमा इन पंचगव्य थेरेपी (ADPT) – यह पाठ्यक्रम विशेष रूप से गौशालाओं के लिए है |  एक वर्ष का पाठ्यक्रम (ऑनलाइन कोर्स 30 घंटे पश्चात ऑनलाइन / ऑफलाइन प्रैक्टिकल अभ्यास क्रम ) प्रवेश हेतु शैक्षणिक योग्यता 10 वीं या अधिक

The Panchgavya Therapy diploma course is a one-year program in which you will study online for 30 hours. It includes theoretical knowledge along with practical training so that you can become proficient in various aspects, from making Panchgavya-based medicines to providing detailed information about Panchgavya Therapy for different illnesses.

The first course is the “Advanced Diploma in Ayurveda and Panchgavya Therapy (ADAPT),” which is a one-year program (online course with 30 hours followed by online/offline practical training). The eligibility criteria for admission are a Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery (BAMS), Ayurvedacharya, or equivalent qualification.

The second course is the “Advanced Diploma in Integrated Panchgavya Therapy (ADIPT),” also a one-year program (online course with 30 hours followed by online/offline practical training). Eligibility criteria for admission include being a healthcare professional in any stream or having a graduate or 12th-grade qualification.

The third course is the “Diploma in Panchgavya Therapy (DPT),” a one-year program (online course with 30 hours followed by online/offline practical training). To be eligible for admission, you need to have completed at least the 10th grade.

The fourth course is the “Advanced Diploma in Panchgavya Therapy (ADPT),” specially designed for cow shelters. It is a one-year program (online course with 30 hours followed by online/offline practical training). Eligibility criteria for admission include having completed at least the 10th grade.

उपरोक्त डिप्लोमा आप ऑनलाइन कर सकते है | इसके लिए सबसे पहले आप रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरिये , उसके लिए लिंक https://swaarnimfoundation.com/admissions/ पर क्लिक करिये | जिसे आप स्टेप 1 के अनुसार शुल्क के साथ ऑनलाइन भर कर भेज दीजिए |

इसके पश्चात आप इसी लिंक https://swaarnimfoundation.com/admissions/ पर जाकर  स्टेप 2 के अनुसार एडमिशन फॉर्म को डाउनलोड कर प्रिंट करें और आवश्यक दस्तावेज़ों –

  1. मार्क्सशीट ( 10 वी या  12 वीं या ग्रेजुएशन
  2. आधार कार्ड
  3. पासपोर्ट साइज तीन फोटो
  4. ऑनलाइन किये पेमेंट का प्रूफ

के साथ फॉर्म पूरा भरकर  हमें कूरियर/पोस्ट के माध्यम से एडमिशन ऑफिस के पते पर भेजें।

स्वार्णिम फाउंडेशन
165 आरएनटी मार्ग इंदौर, मध्य प्रदेश 452001

You can enroll in the above-mentioned diploma courses online. To do so, first, you need to fill out the registration form, which you can access by clicking on the following link: Registration Form Link. You can complete Step 1 of the registration process by filling out the form online and submitting it along with the required fees.

After completing Step 1, you can proceed to Step 2 by visiting the same link: Admission Form Link. In Step 2, you need to download and print the admission form and gather the necessary documents, including:

  1. Marksheet (10th or 12th grade or graduation)
  2. Aadhar Card
  3. Three passport-sized photos
  4. Proof of online payment

Fill out the form completely, attach the required documents, and send them to the admission office via courier or postal service at the following address:

Swaarnim Foundation

165  RNT Marg Indore,

MP 452001

एडमिशन फॉर्म केवल उन उम्मीदवारों के लिए प्रोसेस किया जाएगा जिन्होंने आवेदन पत्र (रजिस्ट्रेशन फॉर्म) फीस के साथ भरा है। जब एडमिशन ऑफिस एडमिशन की पुष्टि करेगा तब आपको शेष फीस भुगतान करना होगा।

एडमिशन के आपको सप्ताह में दो क्लास के वीडियो उपलब्ध होंगे जो आप किसी भी समय अपनी अनुकूलतानुसार देख कर समझ सकते है | इस ऑनलाइन वीडियो क्लास में आपको थ्योरी, प्रैक्टिकल सभी कुछ जानने का अवसर मिलेगा | यह ऑनलाइन कोर्स पूर्ण होने के पश्चात् आप अपने यहाँ ही ऑफ़लाइन प्रैक्टिकल अभ्यास कर सकेंगे | इसमें हमारा संस्थान आपका समय समय पर मार्गदर्शन कर आपको पारंगत करेगा |

The admission process will only be carried out for those candidates who have filled out the application form (registration form) along with the fee. Once the admission office confirms your admission, you will be required to make the remaining fee payment.

Upon admission, you will have access to two video classes per week, which you can watch and understand at your convenience. These online video classes will provide you with theoretical and practical knowledge. After completing the online course, you will have the opportunity to practice offline at your location. Our institution will guide you at regular intervals to help you become proficient.

पंचगव्य थेरेपी डिप्लोमा कोर्स के पश्चात अवसर

(Opportunities after completing the Panchgavya Therapy Diploma Course)

पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद, पंचगव्य थेरेपी के प्रैक्टिशनर्स अपने अभ्यास के बाद निम्नलिखित क्षेत्रों में नौकरी कर सकते हैं:

  • आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र: पंचगव्य थेरेपी द्वारा चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए आप आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्रों में नौकरी कर सकते हैं। यहां आप रोगियों के लिए पंचगव्य उत्पादों का इस्तेमाल करके चिकित्सा प्रणाली का उपयोग करेंगे।
  • स्वास्थ्य संगठनों: आप स्वास्थ्य संगठनों में भी नौकरी कर सकते हैं जहां पंचगव्य थेरेपी सेवाएं प्रदान की जाती हैं। इसमें अस्पताल, आयुर्वेदिक क्लिनिक, प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र, योग और आयुर्वेद संस्थान शामिल हो सकते हैं।
  • खुद की प्रैक्टिस: आप प्राइवेट प्रैक्टिस खोलकर अपने खुद के पंचगव्य थेरेपी केंद्र का संचालन भी कर सकते हैं। इसके लिए आपको उचित प्रशिक्षण, पंचगव्य उत्पादों की आपूर्ति, और चिकित्सा सेवाओं के लिए ग्राहकों का प्रबंधन करना होगा।
  • आयुर्वेदिक क्लिनिक में सहायक : आयुर्वेदिक क्लिनिक में सहायक के रूप में काम करने के लिए आप चयनित हो सकते हैं। इसमें मरीजों की सेवा, निरीक्षण, अपॉइंटमेंट्स का अद्यतन, रिकॉर्ड और खाता प्रबंधन शामिल हो सकते हैं।
  • फार्मेसी में पर्यवेक्षक: आप फार्मेसी में पर्यवेक्षक के रूप में काम कर सकते हैं। आपका कार्य दवाओं और औषधीय उत्पादों की सही आपूर्ति, संग्रहण, गुणवत्ता नियंत्रण, और स्टॉक प्रबंधन के लिए जिम्मेदारी होगी।
  • पंचगव्य थेरेपी प्रैक्टिशनर: आप  पंचगव्य थेरेपी प्रैक्टिशनर के रूप में काम कर सकते हैं। इसमें आप पंचगव्य उत्पादों का उपयोग करके रोगियों को सलाह देने का कार्य संपादित करेंगे।
  • स्वास्थ्य सलाहकार: आप स्वास्थ्य सलाहकार के रूप में काम कर सकते हैं। आप व्यक्तिगत या सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठनों में सलाह और चिकित्सा सेवाओं का प्रबंधन करेंगे।
  • वेलनेस सेंटर प्रबंधक: आप वेलनेस सेंटर प्रबंधक के रूप में काम कर सकते हैं। आपका कार्य वेलनेस सेंटर के संचालन, सेवाओं का निर्देशन, कार्यक्रमों का आयोजन, और संगठन के संचालन से संबंधित होगा।

पंचगव्य थेरेपी के प्रैक्टिशनर्स की वेतन स्थान, संगठन, और अनुभव पर निर्भर करेगी। आमतौर पर, पंचगव्य थेरेपी के प्रैक्टिशनर की प्रारंभिक वेतन सालाना 2-4 लाख रुपये के आसपास हो सकती है। यह वेतन संगठन, क्षेत्र और अनुभव के आधार पर भिन्न हो सकता है।

After completing the Panchgavya Therapy diploma course, practitioners can find opportunities in the following fields:

  1. Ayurvedic Health Centers: You can work in Ayurvedic health centers to provide medical services using Panchgavya Therapy. Here, you will use Panchgavya products for the treatment of patients.
  2. Healthcare Organizations: Opportunities exist in healthcare organizations where Panchgavya Therapy services are offered. This includes hospitals, Ayurvedic clinics, natural medicine centers, yoga, and Ayurvedic institutions.
  3. Private Practice: You can establish your own Panchgavya Therapy center and practice privately. For this, you will need proper training, a supply of Panchgavya products, and management of patient services.
  4. Assistant in Ayurvedic Clinics: You can work as an assistant in Ayurvedic clinics, assisting with patient care, updates, appointments, records, and account management.
  5. Supervisor in Pharmacies: You can work as a supervisor in pharmacies, responsible for the correct supply, storage, quality control, and inventory management of herbal and medicinal products.
  6. Certified Panchgavya Therapy Practitioner: You can work as a certified Panchgavya Therapy practitioner, providing guidance to patients using Panchgavya products for various health conditions.
  7. Health Consultant: You can work as a health consultant, providing advice and management of healthcare and medical services in individual or public health organizations.
  8. Wellness Center Manager: Opportunities exist as a manager in wellness centers, overseeing the operation of wellness services, program planning, and organization management.

The salary of Panchgavya Therapy practitioners depends on their location, the organization, and their experience. Typically, the initial salary for a Panchgavya Therapy practitioner can range from around 2-4 lakhs per annum. This salary may vary based on the organization, location, and level of experience.

What is Panchgavya?
पंचगव्य क्या है?

पंचगव्य (Panchagavya) एक हिंदी शब्द है जो संस्कृत में “पंच” और “गव्य” से मिलकर बना है। “पंच” का अर्थ होता है “पाँच” और “गव्य” का अर्थ होता है “गोवंश” यानी गाय से संबंधित।

पंचगव्य का उपयोग भारतीय संस्कृति और आयुर्वेद में एक प्रमुख स्थान है। यह प्राकृतिक रूप से प्राप्त होने वाले पाँच गोवंश उत्पादों को संकलित करने का एक मिश्रण होता है। पंचगव्य का मिश्रण निम्नलिखित पदार्थों से बनता है:

  1. गोमय (गाय का गोबर): गाय के द्वारा उत्पन्न होने वाला गोबर इस मिश्रण का एक आवश्यक तत्व होता है। गोमय को धूप और अनुष्ठानों में उपयोग किया जाता है।
  2. दुग्ध (गाय का दूध): गाय का दूध भी पंचगव्य में एक अंग है। इसका उपयोग आहार और औषधीय उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
  3. दही (गाय का छाछ): गाय के दूध से तैयार किया गया दही भी पंचगव्य में शामिल होता है। इसे आहार में और औषधीय उद्देशयों में उपयोग किया जाता है।
  4. घृत (गाय का घी): गाय के दूध से बनाया गया घी भी पंचगव्य में महत्वपूर्ण है। इसे आहार और औषधीय उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है।
  5. मूत्र (गाय का मूत्र): गाय का मूत्र भी पंचगव्य में शामिल होता है। इसे औषधीय और शौचालयिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है।

पंचगव्य को पूजा, हवन, आयुर्वेदिक उपचार, कृषि और गौवंश संरक्षण के क्षेत्र में उपयोग किया जाता है। इसे शरीर की सुरक्षा और पुनर्स्थापना के लिए भी मान्यता दी जाती है।

“Panchgavya” is a Hindi word derived from Sanskrit, where “Panch” means “five,” and “Gavya” means “related to cows.”

Panchgavya refers to a mixture made by collecting and combining natural products obtained from five different aspects of cows. The Panchgavya mixture typically includes the following components:

  1. Gomaya (Cow Dung): Cow dung produced by cows is an essential component of this mixture. Cow dung is used in rituals, ceremonies, and various practices like Agnihotra.
  2. Dudh (Cow’s Milk): Cow’s milk is another integral part of Panchgavya. It is used for both dietary and medicinal purposes in Ayurveda.
  3. Dahi (Cow’s Curd): Curd or yogurt obtained from cow’s milk is also included in Panchgavya. It is used in both dietary and medicinal contexts.
  4. Ghruta (Cow’s Ghee): Ghee, a clarified butter made from cow’s milk, is an important component of Panchgavya. It is used in cooking, dietary, and medicinal applications.
  5. Mutra (Cow’s Urine): Cow’s urine is also a part of Panchgavya. It is utilized for its medicinal and hygienic properties and is considered beneficial for various health purposes.

Panchgavya finds its significance in Indian culture and Ayurveda. It is used in various rituals, havans (fire ceremonies), Ayurvedic treatments, agriculture, and the conservation of cattle. It is believed to have protective and restorative properties for the body.

पंचगव्य आधारित प्लांट प्रोटेक्शन, पेस्टिसाइड्स एवं फ़र्टिलाइज़र 

भारत सरकार के योजना आयोग द्वारा अनुशंसित भारत सेवक समाज द्वारा युवाओं के लिए कई तरह के वोकेशनल कोर्स प्रारम्भ किये गए है | उसमे से कृषि आधारित एक डिप्लोमा कोर्स भी हम आपके लिए लेकर आये है वो है “प्लांट प्रोटेक्शन एंड पेस्टिसाइड्स मैनेजमेंट” । यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो कृषि उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस कोर्स में खास बात यह रहेगी की आप सभी प्लांट प्रोटेक्टर , पेस्टीसाइड्स और फ़र्टिलाइज़र का निर्माण देशी गाय के गोमूत्र और गोबर से कर सकेंगे | 

प्लांट प्रोटेक्शन और पेस्टिसाइड्स मैनेजमेंट डिप्लोमा कोर्स आपके करियर को एक नई ऊंचाई प्रदान कर सकता है। यह आपको कृषि उत्पादन के माध्यम से सामरिक, आर्थिक और पर्यावरण स्थायित्व प्रदान कर सकता है। इसलिए, इस कोर्स के माध्यम से आपकी ज्ञान, कौशल और उपेक्षा का एक नया स्तर प्राप्त करें और इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त करें।

PANCHAGAVYA BASED PLANT PROTECTION ,PESTICIDES AND FERTILIZERS 

The Indian government’s Planning Commission, now known as NITI Aayog, has initiated various vocational courses for the youth through the Bharat Sevak Samaj. Among these courses is a diploma program in agriculture-based “Plant Protection and Pesticides Management.” This is an important field that plays a significant role in agricultural production.

One of the unique aspects of this course is that it enables you to manufacture plant protectors, pesticides, and fertilizers using desi cow’s urine (goumutra) and cow dung (gobar).

The Diploma in Plant Protection and Pesticides Management can elevate your career to new heights. It can provide you with holistic knowledge, skills, and an understanding of sustainable, economic, and environmentally responsible agricultural practices. Therefore, through this course, you can attain a higher level of expertise and achieve success in this field.

डिप्लोमा इन प्लांट प्रोटेक्शन एंड पेस्टिसाइड्स मैनेजमेंट (DPPPM)

एक वर्ष का पाठ्यक्रम (ऑनलाइन कोर्स 30 घंटे पश्चात ऑनलाइन / ऑफलाइन प्रैक्टिकल अभ्यास क्रम ) प्रवेश हेतु शैक्षणिक योग्यता 10 वीं या अधिक

उपरोक्त डिप्लोमा आप ऑनलाइन कर सकते है | इसके लिए सबसे पहले आप रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरिये , उसके लिए लिंक https://swaarnimfoundation.com/admissions/ पर क्लिक करिये | जिसे आप स्टेप 1 के अनुसार शुल्क के साथ ऑनलाइन भर कर भेज दीजिए |

इसके पश्चात आप इसी लिंक https://swaarnimfoundation.com/admissions/ पर जाकर  स्टेप 2 के अनुसार एडमिशन फॉर्म को डाउनलोड कर प्रिंट करें और आवश्यक दस्तावेज़ों –

  1. मार्क्सशीट ( 10 वी या  12 वीं या ग्रेजुएशन
  2. आधार कार्ड
  3. पासपोर्ट साइज तीन फोटो
  4. ऑनलाइन किये पेमेंट का प्रूफ

के साथ फॉर्म पूरा भरकर  हमें कूरियर/पोस्ट के माध्यम से एडमिशन ऑफिस के पते पर भेजें।

Swaarnim Foundation
165 RNT Marg
Indore MP 452001

एडमिशन फॉर्म केवल उन उम्मीदवारों के लिए प्रोसेस किया जाएगा जिन्होंने आवेदन पत्र (रजिस्ट्रेशन फॉर्म) फीस के साथ भरा है। जब एडमिशन ऑफिस एडमिशन की पुष्टि करेगा तब आपको शेष फीस भुगतान करना होगा।

DIPLOMA IN PLANT PROTECTION AND PESTICIDES MANAGEMENT

This is a one-year program with a total of 30 hours of online coursework and subsequent online/offline practical exercises. To be eligible for admission, you need to have completed the 10th grade or higher.

You can enroll in the Diploma program online by following these steps:

  1. Fill out the registration form, which can be accessed via this link: Registration Form. Complete the form and submit it online with the required fees, as per Step 1.
  2. After submitting the registration form and fees, proceed to Step 2 on the same link: Admission Form. Download and print the admission form.
  3. Gather the necessary documents, which include your 10th-grade marks sheet (or higher), Aadhar card, three passport-sized photos, and proof of online payment.
  4. Fill out the admission form completely and attach all the required documents.
  5. Send the completed admission form and documents via courier or post to the following address:Swaarnim Foundation 165 RNT Marg Indore, MP 452001

Please note that the admission form will only be processed for those candidates who have filled out the application form (registration form) with the appropriate fees. Once the admission office confirms your admission, you will be required to pay the remaining fees.

Please ensure you follow these steps carefully to enroll in the program.